प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY-Urban): लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया 2025

योजना का विवरण

1 अप्रैल 2016 को प्रारंभ, प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसे आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है। इस योजना का लक्ष्य सभी आवासहीन परिवारों और कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण आवास की कमी को संबोधित करता है और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करता है, और “सभी के लिए आवास” के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। योजनान्तर्गत घरों का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर है जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक समर्पित क्षेत्र भी शामिल है। 27 सितंबर 2022 तक, 2.72 करोड़ के कुल लक्ष्य के सापेक्ष 2.00 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है।

प्रधान मंत्रीआवास योजना ग्रामीण (PMAY-G)

PMAY-G, (Pradhan Mantri Aawas Yojana Gramin) जिसे पहले इंदिरा आवास योजना के नाम से जाना जाता था, का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत न केवल पक्के घर बनाए जाते हैं, बल्कि बिजली और स्वच्छता जैसी आवश्यक सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाती हैं।

PMAY ग्रामीण की मुख्य बातें:

·         लक्ष्य: 2016-17 से 2023-24 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ घरों का निर्माण करना। हाल ही में, इस योजना को 2 करोड़ और घरों के साथ 2028-29 तक बढ़ा दिया गया है, कुल 3 करोड़ नए घरों का लक्ष्य है (शहरी में 1 करोड़ और ग्रामीण में 2 करोड़)।

·         घर का आकार और सुविधाएं: योजना के तहत बने घरों का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर होगा, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल होंगी।

·         अतिरिक्त सहायता: शौचालय, बिजली, पानी और स्वच्छ ईंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G), MGNREGS, या अन्य सरकारी योजनाओं के सहयोग से ₹12,000 की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाती है।

·         लागत का बंटवारा: मैदानी इलाकों में घर निर्माण की लागत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60:40 के अनुपात में साझा की जाती है। पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख जैसे पहाड़ी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह अनुपात 90:10 है। अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र सरकार पूरी लागत वहन करती है।

·         वित्तीय सहायता: मैदानी इलाकों में प्रत्येक आवास इकाई के लिए ₹1.20 लाख और पहाड़ी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड), लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों में ₹1.30 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

·         लोन सुविधा: लाभार्थी वित्तीय संस्थानों से ₹70,000 तक का लोन भी प्राप्त कर सकते हैं।

·         लाभार्थी का चुनाव: लाभार्थियों का चुनाव सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC), 2011 के आंकड़ों में घर न होने वाले लोगों की सूची (PWL) से किया जाता है, जिसका सत्यापन ग्राम सभाओं और आवास+ सर्वेक्षण के आधार पर होता है।

·         तकनीकी सहायता और निगरानी: लाभार्थियों को घर के निर्माण में तकनीकी सहायता दी जाती है, और परियोजना की प्रगति की निगरानी एंड-टू-एंड ई-गवर्नेंस मॉडल – आवास सॉफ्ट और आवास ऐप के माध्यम से की जाती है।
अधिक जानकारी के लिए – PMAY ग्रामीण: लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया समझें


शहरीआवास योजना

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीबों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह योजना शहरी क्षेत्रों में “हाउसिंग फॉर ऑल” के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

PMAY शहरी की मुख्य विशेषताएं और लाभ:

·         सब्सिडी: भारत सरकार द्वारा झुग्गी पुनर्वास के लिए प्रति घर ₹1 लाख की सब्सिडी। साझेदारी और लाभार्थी के नेतृत्व वाले व्यक्तिगत घर निर्माण/विस्तार में किफायती आवास की प्रत्येक इकाई के लिए ₹1.5 लाख की केंद्रीय सहायता।

·         ब्याज सब्सिडी: होम लोन पर 6.5% तक की ब्याज सब्सिडी, जो अधिकतम 20 वर्षों के लोन या आवेदक द्वारा ली गई लोन अवधि पर लागू होती है, जो भी कम हो।

·         महिलाओं को प्रोत्साहन: महिलाओं को घर के मालिक या सह-आवेदक बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है।

·         वरिष्ठ नागरिक और विकलांग: वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों के लिए भूतल अनिवार्य किया गया है ताकि उनकी सुविधा सुनिश्चित हो सके।

·         पर्यावरणअनुकूल निर्माण: घर के निर्माण के लिए टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री का उपयोग अनिवार्य है।

·         गुणवत्ता मानक: घर/फ्लैट की गुणवत्ता राष्ट्रीय भवन कोड (NBC) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।

·         लोन या संपत्ति मूल्य की कोई सीमा नहीं: इस योजना में लोन राशि या संपत्ति के मूल्य की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।

प्रधान मंत्री आवास योजना का उद्देश्य

  • शहरों में सभी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) को लाभ।
  • स्लम पुनर्विकास और सस्ती हाउसिंग को बढ़ावा द

पात्रता (Eligibility)

  • परिवार के पास पहले से पक्का घर नहीं होना चाहिए।
  • किसी अन्य सरकारी आवास योजना का लाभ पहले न लिया हो।
  • आय सीमा:
    • EWS: ≤ ₹3 लाख
    • LIG: ≤ ₹6 लाख
    • MIG-I: ≤ ₹9 लाख
    • MIG-II: ≤ ₹12 लाख

आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)

PMAY-U के लिए आवेदन करना बहुत आसान है:

  • ऑनलाइन: pmaymis.gov.in पोर्टल पर जाकर आधार से आवेदन करें।
  • ऑफलाइन: नज़दीकी CSC (Common Service Centre) पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है।
  • आवश्यकताएं
  • आवेदक का आधार कार्ड
  • बैंक विवरण
  • जॉब कार्ड (मनरेगा के साथ विधिवत पंजीकृत)
  • स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) संख्या

सरकार ने इस योजना को 2029 तक बढ़ा दिया है। अब 1 करोड़ से अधिक नए शहरी परिवारों को घर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

PMAY houses beneficiaries

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या किराएदार भी PMAY-U का लाभ ले सकते हैं?

हाँ, यदि उनके पास कोई पक्का घर नहीं है और वे आय सीमा में आते हैं।

2. क्या CLSS सब्सिडी सभी बैंकों से मिल सकती है?

हाँ, योजना से जुड़ी हुई सभी राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंक इस सुविधा को प्रदान करते

। यह योजना 2016 में इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर शुरू की गई थी। योजना का लक्ष्य 2024 तक ग्रामीण भारत में सभी को पक्के घर प्रदान करना है।

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